Poem by Major D P Singh

इतना सा दिल रखते हैं लोग

खुशियां बांटने में घबराते है

खुद के लिए मांगते है, लेकिन

औरों को देने से कतराते हैं

ए बेवकूफ इंसान बांटना सीख

जो अगर बांट नहीं सकता तो पाएगा कैसे

यूं ही अगर कंजूसी से दिन गुजारे

तो लंबी जिंदगी को बिताएगा कैसे

कोई तो है जो तुझपे प्यार लुटने को आतुर है

एक नजर देख तो सही उसकी मोहब्ब्त को

जो मिल रहा है उसकी कद्र कर

मुंह जो मोड़ लिया उसने तो फिर ढूंढ पाएगा कैसे

इतना सा दिल क्यूं रखता है दिलबर

खुशियां मिल रही हैं तो बांटना भी सीख

रिश्ता जो इक तरफा हो गया

वो रिश्ता दूर तलक चल पाएगा कैसे